क्या बिकने वाला है Google Chrome? जानें कौन हैं अरविंद श्रीनिवास जिन्होंने दिया 34.5 बिलियन डॉलर का ऑफर
हाल ही में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप Perplexity AI ने Google के Chrome ब्राउज़र को खरीदने के लिए 34.5 बिलियन डॉलर का ऑफर दिया है। यह प्रस्ताव न केवल एक वित्तीय कदम है, बल्कि यह इंटरनेट ब्राउज़िंग और खोज इंजन के भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण सवाल भी उठाता है।
Perplexity AI और अरविंद श्रीनिवास का परिचय
Perplexity AI की स्थापना 2022 में अरविंद श्रीनिवास, डेनिस यारात्स, जॉनी हो और एंडी कोनविंस्की ने की थी। श्रीनिवास, जो IIT मद्रास और UC Berkeley के पूर्व छात्र हैं, Google में शोधकर्ता और OpenAI में भी काम कर चुके हैं। उनकी कंपनी AI-आधारित सर्च इंजन विकसित करती है, जो उपयोगकर्ताओं को सीधे और संवादात्मक उत्तर प्रदान करती है।
34.5 बिलियन डॉलर का ऑफर: क्या है इसके पीछे की रणनीति?
Perplexity AI ने Google के Chrome ब्राउज़र को खरीदने के लिए 34.5 बिलियन डॉलर का ऑफर दिया है, जो कंपनी की वर्तमान 18 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन से दोगुना है। इस प्रस्ताव में Chrome के तीन अरब से अधिक उपयोगकर्ताओं तक पहुंच प्राप्त करने की संभावना है, जो Perplexity AI के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
यह कदम Google पर बढ़ते एंटीट्रस्ट दबाव के बीच आया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने पिछले साल एक अदालत में पाया था कि Alphabet ने ऑनलाइन सर्च में अवैध रूप से एकाधिकार किया है, और Judge Amit Mehta से उम्मीद की जा रही है कि वे इस महीने के अंत में दंड पर निर्णय देंगे।
Chrome का महत्व और Perplexity का दृष्टिकोण
Chrome ब्राउज़र का उपयोग दुनिया भर में लगभग 3.5 बिलियन लोग करते हैं, और यह Google के सर्च, विज्ञापन और क्लाउड सेवाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। Perplexity AI का उद्देश्य Chrome को एक स्वतंत्र, ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित करना है, जिससे उपयोगकर्ताओं को अधिक विकल्प और नियंत्रण मिले।
Perplexity ने यह भी वादा किया है कि वह Chrome के मौजूदा कर्मचारियों को बनाए रखेगा और ब्राउज़र के डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन के रूप में Google को बनाए रखेगा, जिससे उपयोगकर्ताओं में कोई विघटन न हो।
क्या यह प्रस्ताव वास्तविकता बन सकता है?
हालांकि Perplexity AI का ऑफर आकर्षक है, लेकिन यह देखना बाकी है कि Google इसे स्वीकार करेगा या नहीं। Google ने अभी तक Chrome को बेचने का कोई संकेत नहीं दिया है, और वह एंटीट्रस्ट मामले में अपनी स्थिति पर विचार कर रहा है। फिर भी, यह प्रस्ताव तकनीकी उद्योग में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है, जहां AI कंपनियां पारंपरिक ब्राउज़र और सर्च इंजन के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं।
इस प्रस्ताव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में ब्राउज़र केवल वेब ब्राउज़िंग का माध्यम नहीं होंगे, बल्कि AI और डेटा के माध्यम से उपयोगकर्ताओं के अनुभव को आकार देने का उपकरण बनेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Google इस चुनौती का कैसे सामना करता है और क्या Perplexity AI अपने लक्ष्य में सफल होता है।
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